चेन्नै, भारत के जाने-माने हार्ट सर्जन डॉ. के.एम. चेरियन का निधन हो गया। केएम चेरियन ही थी जिन्होंने करीब 50 साल पहले कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट (सीएबीजी) सर्जरी भारत में शुरू की थी। चेरियन का बेंगलुरु में एक समारोह के दौरान कथित तौर पर बेहोश होकर गिरने के बाद निधन हो गया। उनके निधन पर विभिन्न वर्गों ने श्रद्धांजलि और संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
लोगों में शोक की लहर
विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने डॉ. चेरियन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'डॉ. केएम चेरियन के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनका संस्मरण हाल ही में प्रकाशित हुआ है और हमने हाल ही में भारत में नवाचार और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी विकास के भविष्य के बारे में लंबी बातचीत की थी थी। वह निश्चित रूप से कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, साथ ही उन्होंने अनगिनत लोगों की जान बचाई है!'
1975 में रचा इतिहास
केएम चेरियन ने 1975 में भारत की पहली सफल कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी की थी। इसके साथ ही उन्हें कई अभूतपूर्व हार्ट सर्जरी करने के लिए जाना जाता है। चेरियन ही वह सर्जन थे जिन्होंने ब्रेन डेड मरीज के ऑर्गन डोनेशन से पहली हार्ट सर्जरी की। साथ ही भारत का पहला हृदय-फेफड़ा प्रत्यारोपण और बाल चिकित्सा हृदय प्रत्यारोपण भी डॉ. चेरियन ने ही किया।
शादी समारोह में आए थे, हुए बेहोश
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि चेरियन, एक शादी में शामिल होने के लिए बेंगलुरु गए थे, देर शाम बेहोश हो गए। उनकी बेटी संध्या चेरियन ने कहा, 'हम उन्हें मणिपाल अस्पताल ले गए, जहां उन्हें रात 11.55 बजे मृत घोषित कर दिया गया।
पद्म श्री समेत कई अवॉर्ड मिले
डॉ. चेरियन दुनिया का पहला मानव-से-मानव हृदय प्रत्यारोपण करने वाले दिवंगत दक्षिण अफ़्रीकी हृदय शल्य चिकित्सक क्रिस्टियान बर्नार्ड के करीबी थे। डॉ. चेरियन ने 1990 से 1993 तक भारत के राष्ट्रपति के मानद सर्जन के रूप में भी काम किया। उन्हें पद्म श्री और 2005 में हार्वर्ड मेडिकल एक्सीलेंस अवार्ड सहित कई पुरस्कार मिले।